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  • Writer's pictureMitra Swayamdeep

अहसास


वक़्त के बहाव में, कोई अक्स मैंने खो दिया, उम्मीद की हर आस में, कीमती पल मैंने खो दिया,

ढूंदने चला था ओस को, मै उस बंजर ज़मीन पर,

अब मुस्कुराहट से खुद में, एक विश्वास को पिरो दिया,

अब डर नहीं है रुकने का, यह अहसास फिर से पा लिया,

फिर उठ चला हूं अब मैं, मानों बीता हुआ कल फिर पा लिया।

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